आज के युग में तकनीक का दौर आया,
बच्चों के दोस्त बच्चे नहीं फ़ोन बन गया,
ये दोस्त इतना सच्चा और ईमानदार निकला,
आठ महीने के बच्चे को अपना आदि बना बैठा,
ये दोस्त तो इतना पढ़ाकू भी निकला,
घर बैठे सब अच्छे से पढ़ा डाला,
माता पिता के साथ अब ना बैठते बच्चे,
फ़ोन से हर टाइम चिपके रहते हैं बच्चे
ये फोन दोस्त नहीं बच्चों का दुश्मन है,
उनकी मानसिक क्षमता का नाशक है,
बचो तुम इसकी गिरफ्त में आने से,
बच्चों, दूर रहो तुम इस तकनीक से।।
पूजा गोस्वामी
कक्षा 12,
रोलियाना, गरुड़
उत्तराखंड
चरखा फीचर्स
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